आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम read more साजा।।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥